ईमानदारी की ताकत - जंगल का सच - नैतिक कहानी

ईमानदारी की ताकत – जंगल का सच

ईमानदारी की ताकत – जंगल का सच

बहुत समय पहले, घने जंगल के बीच एक छोटा मगर सुंदर गाँव बसा था, जहाँ सभी जीव-जंतु मिलजुलकर रहते थे। इस जंगल में राजा शेर वीरसिंह का शासन था, जो बहुत न्यायप्रिय था।  

मगर जंगल में एक बड़ी समस्या थी- कुछ जानवर चोरी और बेईमानी करने लगे थे। राजा ने कई बार समझाया कि सच्ची सफलता ईमानदारी से मिलती है, मगर कुछ लोग अपनी आदत बदलने को तैयार नहीं थे।  

"अब मुझे जंगल में ईमानदारी की सबसे बड़ी परीक्षा लेनी होगी!" शेर वीरसिंह ने सोचा।  


एक दिन शेर ने पूरे जंगल में घोषणा कर दी-

"जो कोई भी सबसे ईमानदार होगा, उसे मैं अपना खास सलाहकार बनाऊँगा!"  


जंगल के सभी जानवर हैरान थे। यह बहुत बड़ा सम्मान था! सभी ने सोच लिया कि वे प्रतियोगिता में भाग लेंगे।  

मगर जंगल में लोमड़ी, चतुरसुंदर और हिरण, तेजपाल जैसे जानवर भी थे, जो हमेशा चालाकी से अपना फायदा उठाने की कोशिश करते थे।  


प्रतियोगिता के दिन, शेर वीरसिंह ने सभी प्रतियोगियों को **एक-एक बीज दिया** और कहा-  

"इसे अपने घर लेकर जाओ और इसे एक महीने तक उगाने की कोशिश करो। सबसे सुंदर पौधा जिसे तुम लाओगे, वही विजेता होगा!"


सभी जानवर जोश और उत्साह से बीज लेकर गए। मगर कुछ चालाक जानवरों ने सोचा- "अगर हमारा बीज नहीं उगता तो हम जंगल से कोई पौधा ले आएंगे और जीत जाएंगे!"


एक महीना बीत गया। अब सबको अपना पौधा लेकर राजा के सामने आना था। जंगल के बड़े जानवर सुंदर हरे-भरे पौधे लेकर आए।  

लोमड़ी चतुरसुंदर ने सबसे सुंदर फूलों वाला पौधा लाया। हिरण तेजपाल ने मजबूत और हरे पत्तों वाला पौधा लाया।  

मगर छोटा कछुआ, धैर्य एक खाली गमला लेकर आया।  

सब हँसने लगे-"अरे! धैर्य, तू खाली गमला क्यों लेकर आया? क्या तेरा बीज नहीं उगा?"


धैर्य ने सिर झुकाते हुए कहा-  

"मैंने ईमानदारी से इसे उगाने की कोशिश की, मगर मेरा बीज नहीं उगा। मैं इसे बदलकर कोई दूसरा पौधा ला सकता था, मगर वह बेईमानी होती।"  


शेर वीरसिंह ने सबकी बातें सुनीं। फिर उसने मुस्कुराकर कहा—  

"सच तो यह है कि मैं तुम सभी को जले हुए बीज दिए थे, जो कभी उग ही नहीं सकते थे। तुम में से केवल एक ही जानवर ने ईमानदारी दिखाई- धैर्य, छोटा कछुआ!


पूरा जंगल हैरान था! उन जानवरों को अब एहसास हुआ कि उन्होंने बेईमानी करने की कोशिश की थी।  

शेर ने धैर्य को अपना खास सलाहकार बनाया और कहा-  

"ईमानदारी ही सबसे बड़ी ताकत होती है। केवल वही व्यक्ति जीवन में सच्ची सफलता पाता है, जो कभी बेईमानी नहीं करता!"


सीख  

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्ची सफलता केवल ईमानदारी और मेहनत से मिलती है। जो अपने सिद्धांतों पर कायम रहता है, वही असली विजेता होता है।

"ईमानदारी ही सबसे कीमती गुण है!"


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