सच्चाई का प्रकाश - नैतिक कहानी

 सच्चाई का प्रकाश

सच्चाई का प्रकाश - नैतिक कहानी

गंगा किनारे बसे छोटे से गाँव में एक गरीब किसान रामलाल अपनी ईमानदारी और मेहनत के लिए जाना जाता था। उसके पास ज्यादा संपत्ति नहीं थी, लेकिन उसके पास एक अनमोल खज़ाना था – उसका सच और उसकी मेहनत।  


एक दिन गाँव के राजा ने घोषणा की कि जो भी सबसे अच्छा खेत तैयार करेगा, उसे इनाम में सोने की मुद्राएँ मिलेंगी। गाँव के कई अमीर किसान अपनी उपज बढ़ाने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खाद और धोखे से अपनी फसलों को सुंदर दिखाने लगे। लेकिन रामलाल ने फैसला किया कि वह पूरी ईमानदारी से ही मेहनत करेगा, चाहे उसे इनाम मिले या न मिले।  


वह दिन-रात खेत में मेहनत करता रहा। उसकी फसलें दिखने में इतनी चमकदार नहीं थीं जितनी अन्य किसानों की थीं, लेकिन वे वास्तविकता में बहुत ही स्वास्थ्यप्रद और प्राकृतिक थीं।  


जब राजा खेतों का निरीक्षण करने आया, तो वह चमकदार फसलों से प्रभावित हो गया। लेकिन जैसे ही उसने रामलाल के खेत की फसल को चखा, उसे महसूस हुआ कि इसका स्वाद बाकी सब से बेहतर था।  


राजा ने घोषणा की कि असली जीत रामलाल की है, क्योंकि उसकी मेहनत और ईमानदारी ने उसे सबसे अच्छा किसान बनाया। उसे इनाम में न केवल सोने की मुद्राएँ मिलीं, बल्कि गाँव में सच्चाई और ईमानदारी का प्रतीक भी बन गया।  


नैतिक शिक्षा

यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्चाई और ईमानदारी की हमेशा जीत होती है। जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, अगर हम अपने आदर्शों के प्रति ईमानदार रहते हैं, तो सफलता निश्चित होती है।  

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